कुछ पैसा बचाकर मस्जिद में दो।

*रुको डिलीट करने से पहले*
*Please एक बार जरूर पढ़े*

हम जिस मस्जिद में नमाज अदा करते हैं
वहाँ हमें वजू के लिए पानी
गर्मी के लिए हवादार पंखा
रोशनी के लिए लाइट
और नमाज़ पढ़ाने के लिए इमाम साहब
इत्यादि रहते हैं ।

  *ताकि हमें नमाज में आसानी हो*

उसके बदले में हम मस्जिद को क्या देते हैं ??
*₹10 , ₹20 , ₹50 या  ₹100 रुपए*

*TV केबल के लिए  ₹ 300 माह*
 *इंटरनेट के लिए  ₹ 500 माह*

जरा सोचिए मुसलमानों आपका पैसा कहां खर्च हो रहा है ??

हो सके तो कुछ पैसा बचाकर मस्जिद में दो ।

हर कोई चाहता है
कि उसे कामयाबी मिल जाए ।

लेकिन जब मस्जिद में
दिन में 5 बार आवाज आती है
*''हया अलल फला "*
*_आओ कामयाबी की तरफ_*

तब कोई समझता नहीं
कि जिस चीज को वह सारी जिंदगी हर जगह तलाश कर रहा है ।
वह तो खुद उसे अपने पास बुला रही है ।
ए खुदा जो यह मैसेज दूसरे तक पहुंचाए
उसे कामयाबी अता फरमा
उसे कामयाबी अता फरमा
आमीन .....सुम्मा आमीन......

Comments

Popular posts from this blog

रचनाकार: कबीरदास | Kabirdas (कबीर के दोहे, साखियां (काव्य))

Jokes (चुटकुले), शेरो शायरी, कहानी, इतिहास, आवश्यक सुचना, कविता, रचना & हंसो हँसाओ

Coal